Nagar Palika Sanchore ने 23 लाख की मशीन को ख़रीदा 58 लाख में

Nagar Palika Sanchore ने 2021 में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत एक मशीन खरीदी थी जो ठोस कचरे का निस्तारण करने के लिए बनाई गई थी। इस मशीन को रीको के पास स्थापित करने के लिए तैयारी की गई लेकिन जमीनी विवाद के चलते इस लोकार्पण को रोक दिया गया। इस विवाद के कारण असमंजस में मशीन का भुगतान अटक गया , जो ईओ और चेयरमैन के बीच बढ़ते विवाद का एक कारण बन गया |

Nagar Palika Sanchore ने मशीन को ऑनलाइन टेंडर जारी करके 58 लाख रुपए में खरीदा था , जबकि वास्तव में वह मशीन मात्र 19 लाख रुपए की थी

एक साल से पहले Nagar Palika Sanchore ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरे का निस्तारण करने के लिए एक मशीन खरीदी थी। लेकिन शहर में जमीन के विवाद के चलते इस मशीन का लोकार्पण नहीं हुआ था। इसके बाद एक विवाद उठा, जिसके कारण नगर पालिका और मशीन की डील करने वाली कंपनी के बीच संबंध खराब हो गए।

रिसर्च में पता चला कि नगर पालिका ने मशीन को ऑनलाइन टेंडर जारी करके 58 लाख रुपए में खरीदा था , जबकि वास्तव में वह मशीन मात्र 19 लाख रुपए की थी। इसके अलावा , इस मशीन की जीएसटी के साथ कुल कीमत 23 लाख 50 हजार रुपए थी। इस तरह, नगर पालिका ने जमा किए गए धन के बारे में सच्चाई छुपाकर मशीन को खरीदा था।

इस संबंध में शहर के लोगों में बहुत नाराजगी है , क्योंकि नगर पालिका ने अपने जिम्मेदारी से चूक की है और इसकी सजा उन्हें भुगतनी पड़ेगी।

इस तरह से , जांच पड़ताल में जब कंपनी से इसी मशीन को खरीदने की इच्छा जतायी और कोटेशन मंगवाया | यह कोटेशन नगर पालिका सांचौर द्वारा 57 लाख रुपए में एक मशीन की खरीद के लिए जारी किया गया था।

वहीं , उसी कंपनी द्वारा इसी मशीन को मात्र 23 लाख 50 हजार रुपए में भी बेचा जा रहा है। इससे पुछा जाने वाला सवाल यह है कि अगर बाजार में मशीन 19 से 23 लाख रुपए में मिल रही थी , तो फिर Nagar Palika Sanchor ने 57 लाख रुपए में मशीन क्यों खरीदी ?

पसंदीदा फर्म को सेलेक्ट किया गया

सांचौर नगर पालिका द्वारा जैम पोर्टल से टेंडर आमंत्रित किए गए थे। इस टेंडर के लिए देशभर की 18 पार्टियों ने ऑनलाइन आवेदन किए , लेकिन Sanchore नगर पालिका के अधिकारियों ने अपनी पसंदीदा फर्म को टेंडर दिलाने के लिए अन्य 17 फर्मों के कागजातों में कमी दिखाकर Reject कर दिया।

फिर Nagar Palika Sanchore ने जियोन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड से कचरा निस्तारण की मशीन खरीद ली। मशीन खरीदने के बाद, बिना भुगतान किए ही , डील हुई। कंपनी अब भुगतान के लिए कोर्ट का सहारा लेने की बात बोल रही है |

 

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– Ram Navmi in Sanchore – हर साल की तरह इस वर्ष भी राम नवमी के उपलक्ष पर सांचौर में धूमधाम से जुलुस निकाला गया | जिसमे कई सारे लोग शामिल रहे | जुलुस में डीजे और ढोल के साथ लोगो ने जमकर नाच-गाना भी किया | यह जुलुस दरबार चौक से रवाना हुआ जिसमे कई साड़ी गाडिया भी शामिल थी | सांचौर शहर में जगह-जगह इस जुलुस का स्वागत किया गया |

जहा जुलुस पर लोगो द्वारा फूलो की वर्षा भी की गयी | दरबार चौक से यह जुलुस नाबरिया सर्किल , नगरपालिका , शांति नगर , हाडेचा बस स्टैंड , चौधरी धर्मशाला , बिश्नोई धर्मशाला , तलेसरा हॉस्पिटल  चार रास्ता सब्जी मंडी , मोहर्रम चौक , रावो का वास से होते हुए  अपने अंतिम स्थल ( दरबार चौक ) तक पहुची …. More

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जल्दबाजी में मशीन मंगा कर लगायी गयी

Nagar Palika Sanchor ने 23 लाख की मशीन को 58 लाख में ख़रीदा
नगरपालिका सांचौर द्वारा खरीदी गयी मशीन

गेरोन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के मालिक ललित वर्मा ने बताया कि नामकरण नगर पालिका के Junior engineer रमेश सुंदेशा और चेयरमैन नरेश सेठ द्वारा मशीन को लेकर एक टेंडर जारी किया गया था। इसके बाद टेंडर में मेरी कंपनी का नाम आया और यह 57 लाख रुपए में बेच दिया गया।

उसके बाद , जल्दबाजी में , दोनों ने मशीन को लेकर मौखिक रूप से टेंडर के दिन को बताते हुए बताया कि मंत्री के लोकार्पण का दिन तय हो चुका है और उन्होंने इसे Sanchore में तुरंत लगवा दिया।

इसके बाद , यहां तक ​​कि ट्रांजैक्शन का भुगतान भी नहीं किया गया। कंपनी अब इस मुद्दे को न्यायालय में ले जाने का विचार कर रही है। इस बातचीत की पूरी ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग कोर्ट में पेश की जाएगी।

भुगतान , वर्क आर्डर दोनों की एक साथ डील हुई थी

दिल्ली की एक कंपनी से मशीन खरीद को लेकर बातचीत की गई थी , जिसमें पता चला कि नगर पालिका के Junior engineer रमेश सुंदेशा ने इस खरीद को लेकर अपनी सहमति दी थी। उन्होंने तय किया था कि निर्धारित मूल्य से ज्यादा में खरीद कर भुगतान करेंगे , लेकिन उपरी राशि को नकद रुपयों में वापस कर देंगे।

इसी समझौते के आधार पर नगर पालिका ने वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया। फिर भी , वर्क ऑर्डर के साथ मशीन के भुगतान का चेक एक साथ ऊपरी राशि नकद रुपयों में वापस करने की सौदा बनी थी। लेकिन , तत्कालीन EO हरिश चंद्र गहलोत ने मशीन के भुगतान को रोक दिया। इससे भुगतान अटका हुआ है और मशीन अभी तक उपलब्ध नहीं है |

अन्दर की कहानी

नगर पालिका Sanchore के कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त लगाकर सरकार के टेंडर पोर्टल “जेम” से टेंडर का आमंत्रण भेजा था। कई फर्मों ने टेंडर में भाग लिया था, लेकिन सभी रिजेक्ट हो गए। एक फर्म को निश्चित राशि से कई गुना ज्यादा राशि में टेंडर दिया गया। इसमें से करीब 34 लाख रुपये वापस लेने की नकद पर डील हुई थी।

कंपनी के कर्मचारी अंशुल ने दिल्ली से मशीन के साथ पैसे लेकर सांचौर आने के बाद उन्हें भुगतान किया जाने की भनक दी। इससे तात्कालिक EO हरिश चंद्र को संदेह हुआ और उन्होंने भुगतान को रोक दिया। अंशुल तीन दिनों तक शहर के निजी होटल में पैसे रखा , लेकिन भुगतान नहीं मिला। अंत में , कर्मचारी पैसे लेकर दिल्ली वापस चला गया |

” भुगतान नहीं तो कोर्ट जायेंगे “

गेरोन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ललित वर्मा ने बताया कि नगर पालिका ने उनसे मशीन खरीदी थी जिसके लिए टेंडर जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि उनके पास उस टेंडर के पूरे कागजात हैं और उन्होंने नगर पालिका के कार्मिकों से बातचीत भी की थी जिसकी कई ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग उनके पास हैं।

ललित वर्मा ने बताया कि नगर पालिका ने उनसे रिश्वत की मांग की थी जो कि उन्होंने नहीं दी तो उनका भुगतान रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि नगर पालिका ने नियमों के अनुसार उनका भुगतान नहीं किया तो वे कोर्ट में जायेंगे।

किसने क्या कहा ?

  1. हरीश चन्द्र गहलोत ( नगरपालिका तत्कालीन EO ) – कार्यालय के दौरान कचरा निस्तारण मशीन के लिए टेंडर निकाला गया | भुगतान को रोक दिया गया | क्योकि नरेश सेठ ( पालिका चेयरमैन ) और JEN रमेश ने 20 लाख की मशीन के 58 लाख 47 हज़ार रुपये बताये  |
  2. श्रवण जाट ( EO नगरपालिका सांचौर ) – यह सारा घटनाक्रम मेरे जोइनिंग से पहले का है | मुझे पुरे मामले की जानकारी नहीं है |
  3. रमेश कुमार सुन्देशा ( तत्कालीन प्रभारी , स्वच्छ अभियान ) – स्वच्छ अभियान के तत्कालीन प्रभारी रहते कचरा निस्तारण मशीन के लिए टेंडर निकाला गया | उच्च अधिकारी और चेयरमैन नरेश सेठ के दबाव में 57 लाख का टेंडर कंपनी को दिया | बाद में मुझे नगरपालिका से निकाला गया |
  4. नरेश सेठ ( चेयरमैन नगरपालिका सांचौर ) – नगरपालिका ने मशीन को लेकर कोई भी वर्क आर्डर जारी नहीं किया है | न ही मशीन का भुगतान हुआ | कंपनी ने approve हेतु मशीन को क्षेत्र में लगाया |

 

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