देर रात नेपाल में आया भूकंप 6.3 की तीव्रता मापी गयी , भारत के 7 राज्यों में भी महसूस हुए झटके
मंगलवार देर रात नेपाल में आया भूकंप | भूकंप [ Earthquake ] का केंद्र नेपाल था | नेपाल जो भारत का पडोसी देश है , में देर रात को 6.3 की तीव्रता का भूकंप आया जिससे कुल 6 लोगो के मौत की खबर है | नेपाल में डेढ़ घंटे में 2 बार झटके महसूस हुए | भूकंप के झटके नेपाल के साथ-साथ भारत के दिल्ली , उत्तर प्रदेश समेत पांच अलग-अलग राज्यों में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये | National Center for Seismology के अनुसार नेपाल में 9 नवम्बर को रात को करीब 1:57 मिनट पर भूकंप आया | Epicenter [ पृथ्वी का वह भाग जहाँ भूकंप का झटका सबसे अधिक महसूस किया जाता है; अधिकेंद्र ] नेपाल के मणिपुर में जमीन से करीब 10 किलोमीटर नीचे था | यहाँ इतनी ज्यादा भूकंप की तीव्रता होने के कारण कई घर गिर गये जिसकी वजह से 6 लोगो की जान चली गयी | नेपाल की सेना द्वारा भूकंप से प्रभावित हुए इलाको में तलाशी और रेस्क्यू का ऑपरेशन जारी है |
नवम्बर महीने के शुरुवात से लेकर भूकंप की अब तक ये 10 वी घटना है | पुरे दुनियाभर में नवम्बर महीने में ही 10 घटनाये हुयी है |
तारीख | समय | तीव्रता |
8 नवम्बर | 8:52 PM | 4.9 |
8 नवम्बर | 9:41 PM | 3.5 |
9 नवम्बर | देर रात 1:57 AM | 6.3 |
9 नवम्बर | तडके 3:15 | 3.6 |
- table Seismology india ki website se li gyi hai
India में कहा-कहा दिखे असर
नेपाल में भूकंप का केंद्र रहा उसके साथ साथ भारत में भी कुल 7 राज्यों में भूकंप के असर दिखाई दिए | कुछ कैमरे में भी कैद हुए | इन भूकंप के झटको के चलते लोग घरो से बाहर आ गये | घरो में दरारे भी आई | इस भूकंप के बाद लोगो का चैन खो गया है | और दहशत का माहोल बन गया है | यह भी बताया जा रहा है की चन्द्र ग्रहण के कारण ये सभी घटनाये हो रही है | कई सारे ज्योतिशो के द्वारा इस बात का ज़िक्र भी किया गया | भारत 5 राज्य जिनमे धरती कांपी –
- Delhi-NCR : देर रात नेपाल में आये भूकंप के बाद Delhi-NCR में भी इसके झटके महसूस किये गये | लोग डर के मारे घरो से बाहर आ गये | अच्छी बात यह है की Delhi-NCR में किसी तरह हानि की कोई खबर नही है |
- उत्तर प्रदेश : 8 नवम्बर को देर रात 8 बजकर 52 मिनट पर लखनऊ समेत मेरठ , मुरादाबाद और गाजियाबाद में भी भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गयी | लोग अपने-अपने घरो से बाहर आ गये | उत्तर प्रदेश में भी किसी तरह की हानि की कोई खबर नही है |
- बिहार : नेपाल की सीमा से सटा सीतामढ़ी के साथ-साथ बेला , परिहार , कन्होली , सुरसंड , सोनबरसा और Majorganj में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये | हालांकि इन जगहों पर भी कोई जान-माल की हानि नही हुई |
- उत्तराखण्ड : पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके 9 नवम्बर सुबह 6:27 बजे महसूस किये गये | पिथोरागढ़ में दो बार भूकंप के झटके महसूस हुए | पिथोरागढ़ के साथ-साथ उधम्सिन्ह्नगर और हलद्वानी में भी झटके महसूस किये गये | जिसकी वजह से लोगो में दहशत का माहोल फ़ैल गया और घरो से सब बाहर आ गये | रिक्टर स्केल में इसकी तीव्रता करीब 4.3 रही | यहाँ भी कोई जनहानि नही हुई | घटनाये कैमरे में कैद हुई |
- राजस्थान : राजस्थान में पश्चिमी राज्यों को छोड़कर पूरी राज्यों में भूकंप के झटके महसूस हुए | जयपुर , भरतपुर , अलवर समेत कुल 8 जिलो में भूकंप के झटके महसूस हुए | भूकंप के चलते लोग घरो से बाहर आ गये | दहशत का माहोल बना रहा | हालांकि इन जगहों पर भी कोई जान-माल की हानि नही हुई |
भूकंप आया , नेपाल में 6 लोगो की मौत कौन जिम्मेदार ?
भूकंप आना यह एक प्राकृतिक घटना / आपदा है | जिसका कोई व्यक्ति विशेष या सरकार या कोई देश ज़िम्मेदार नही है | इस भूकंप के चलते हमे बस जागरूक रहना चाहिए |
2015 में नेपाल में आया भूकंप , आइये जानते है –
नेपाल में 2015 में 7.8 की तीव्रता का भूकंप आया था | यह 25 अप्रैल 2015 के दिन करीब सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर आया था | इस खतरनाक भूकंप में नेपाल के लगभग 9000 से भी ज्यादा लोगो की जान गयी | और 20000 से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे | इस खतरनाक भूकंप का केंद्र लामजुंग था जो नेपाल से लगभग 38 km दूर था | नेपाल में 2015 जैसा भूकंप करीब 81 साल बाद दुबारा आया था | 1934 में नेपाल में और नेपाल की सीमा के पास उत्तरी बिहार में 8.0 की तीव्रता का भूकंप आया | उस समय दस हजार से ज्यादा जाने गयी थी |
भूकंप कितनी तीव्रता पर कितना असर दिखता है ? आइये Table के द्वारा समझते है –
रिक्टर स्केल | भूकंप का असर |
0-1.9 | यह सिर्फ सिज्मोग्रफ से पता चलता है | |
2-2.9 | झटके आते है लेकिन हलके | |
3-3.9 | यदि कोई ट्रक नजदीक से निकले एसा असर होता है | |
4-4.9 | कांच की खिडकिया टूट जाती है दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर जाती है | |
5-5.9 | घरो में दरारे आ सकती है , फर्नीचर हिल सकता है | |
6-6.9 | कच्चे घर टूट सकते है , उपरी मंजिलो को नुक्सान रहता है , मंजिलो की नीव दरक सकती है | |
7-7.9 | इमारते,मकान गिर जाते है | भारी नुकशान होता है | eg. भुज[2001 ] , नेपाल [2015 ] |
8-8.9 | इमारतो के साथ-साथ बड़े बड़े पुल भी गिर जाते है , भारी सुनामी का खतरा | |
9 – 9 से ज्यादा | सबसे ज्यादा तबाही | धरती लहराते हुए दिखती है | eg. जापान [2011] में 9.1 |
भूकंप आने का कारण और मापने का तरीका
वैज्ञानिको के अनुसार टेक्टोनिकल प्लेटो में तेज़ हलचल के कारण भूकंप आता है | इसके आलावा माईन टेस्टिंग , ज्वालामुखी विस्फोट , परमाणु टेस्टिंग और उल्का प्रभाव के कारण भी भूकंप आ सकता है | भूकंप की तीव्रता जिस स्केल से मापी जाती है उसे रिक्टर स्केल कहते है | जिसमे 2-3.0 का भूकंप सामान्य /हल्का होता है जबकि 6 या 6 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप विनाशकारी हो सकता है | भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल द्वारा मापी जाती है | Epicentre [ भूकंप का केंद्र ] से निकलने वाली उर्जा तरंगो के द्वारा भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है | भूकंप के चलते कई सेकड़ो किलोमीटर तक इसकी लहर के कारण कम्पन्न होता है | धरती में दरारे पड़ जाती है | यदि भूकंप का Epicentre [ भूकंप का केंद्र ] कम गहराई पर है तो ये बहुत ज्यादा विनाशकारी हो सकता है यदि गहराई कम होगी तो निकलने वाली तरंगे सतह के काफी नजदीक होंगी | जिससे भारी सुनामी की आशंका रहती है |
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