Right To Health Bill Pass : राजस्थान बना पहला ( 1st ) राज्य

राजस्थान में Right To Health Bill Pass , राईट टू हेल्थ बिल के साथ राजस्थान पहला राज्य बना  | यह बिल सितम्बर 2022 में विधानसभा में पेश किया गया था लेकिन कई अन्य कारणों की वजह से यह बिल पास नहीं हो सका | लेकिन अब मंगलवार को इसे पारित कर दिया गया |

Right To Health Bill Pass : राजस्थान बना पहला राज्य , मंगलवार को इसे पारित किया गया

राईट टू हेल्थ बिल को लेकर पिछले कुछ समय से सरकार और डॉक्टर आमने सामने रहे | कई जगह डॉक्टर ने विरोध प्रदर्शन भी किया , साथ ही विरोध के चलते हॉस्पिटल की सेवाए भी बंद रखी गयी लेकिन विरोध को नजरंदाज करते हुए सरकार ने विधानसभा में यह बिल पास करा लिया |

Right To Health Bill क्या है ? आइये जानते है

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के द्वारा किया गया एक चुनावी वादा था | पहली बार इस बिल को लाने की घोषणा अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2022-23 में की थी | सितम्बर 2022 में विधेयक को विधानसभा में पेश किया गया था लेकिन अनिवार्य मुफ्त इमरजेंसी उपचार के प्रावधान सहित अन्य कई कारण थे जिनकी वहज से यह बिल आगे नहीं बढ़ सका | लेकिन अब मंगलवार को यह बिल पारित किया गया |

हॉस्पिटल में इलाज़ के लिए मरीजों को मना नहीं किया जाए इसके लिए Right To Health विधेयक लाया गया | जिसमें अगर मरीज द्वारा इमरजेंसी स्थिति में इलाज़ का खर्चा वहन नहीं किया जा सकता तो इसका खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी |

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– IMA अध्यक्ष डॉ. सुरेश सागर ने बताया कि शनिवार के दिन निजी अस्पतालों ( sanchore ) में ओपीडी सेवाए बंद रखी गयी जिसका कारण सरकार द्वारा लाया जा रहा Right To Health Bill है | Right To Health बिल के प्रावधानों का विरोध के रूप में सेवाए बंद रखी गयी | वही रविवार को ओपीडी सहित अन्य चिकित्सा सम्बन्धी सेवाए भी बंद रखी गयी | डॉ. सुरेश ने कहा कि सरकार ने हमारी इन सही मांगो को नहीं माना तो अनिश्चित समय के लिए hospitals को बंद रखा जायेगा ….more


Right To Health Bill के फायदे

इस बिल के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा जनता के लिए कुछ अधिकारो का प्रावधान है जिसमे –

  • राज्य के निवासियों को स्वयं को स्वस्थ बनाये रखने के लिए जानकारी लेने का अधिकार
  • निर्धारित किये गये सभी सार्वजानिक संस्थानों में Free दवाई , परामर्श , उपचार , इमरजेंसी परिवहन और इमरजेंसी देखभाल का अधिकार है
  • निर्धारित किये गये सभी सार्वजनिक Hospital में सर्जरी के लिए Free/किफायती देखभाल का अधिकार है
  • हर एक स्वास्थ्य केंद्र से बिल बाकी होने के बाद भी मृतक के परिजनों या अधिकृत व्यक्ति को शव प्राप्त करने का अधिकार
  • सेवाओ का लाभ उठाने के बाद किसी भी प्रकार की हुई शिकायत के मामले में सुनवाई का अधिकार
  • भूमि आवंटन के जरिये स्थापित निजी अस्पतालों में किफायती दरो पर निशुल्क सेवाए प्राप्त करने का अधिकार
  • डॉक्टर के परामर्श के बाद भी मरीज के चले जाने की स्थिति में ट्रीटमेंट की समरी लेने का अधिकार

 

 बिल का विरोध क्यों ?

Right To Health Bill की घोषणा के बाद से ही इसका विरोध शुरू हो गया
Right To Health Bill के विरोध में सडको पर उतरे डॉक्टर

Right To Health Bill की घोषणा के बाद से ही इसका विरोध शुरू हो गया था | बीते कुछ दिनों से राज्य ( Rajasthan ) के कई शहरो में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे है | जयपुर में विरोध को रोकने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया |
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सबसे पहले IMA ( indian medical association ) ने अपना विरोध दर्ज कराया | IMA के पदाधिकारियों के अनुसार इस बिल के द्वारा निजी अस्पतालों की अनदेखी की गयी है | IMA ने इस बिल को तो राईट टू डेथ बताया |

कारण 

बिल के अंतर्गत निजी अस्पतालों को भी सरकार की स्कीम के अनुसार मुफ्त इलाज करना होगा | जिसके बाद विरोध कर रहे संगठनो के अनुसार यह बिल सरकार को राजकीय अस्पतालों पर लागू करना चाहिए इस प्रकार निजी अस्पतालों पर लागू करने का दबाव नहीं बनाना चाहिए | अगर ऐसा रहा तो जल्द ही निजी अस्पताल बंद होने की कगार पर आ जायेगे | बिल के अनुसार निजी अस्पतालों को इमरजेंसी में फ्री में इलाज़ करना अनिवार्य किया है |

विरोध करने वाले संगठनो के अनुसार बिल में इमरजेंसी की कोई परिभाषा नहीं है | अगर निजी अस्पताल इमरजेंसी में फ्री में इलाज़ करेंगे तो इसका भुगतान सरकार किस प्रकार करेगी ? इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है |  इमरजेंसी परिवहन उपलब्ध करवाने पर उसका भुगतान सरकार किस प्रकार करेगी ? बिल के अनुसार मरीज के पैसे नहीं होने पर उसे इलाज़ करने से मना नहीं किया जायेगा , इलाज़ करना होगा | इस प्रकार हर एक मरीज अपनी बीमारी को इमरजेंसी बताएगा और मुफ्त इलाज़ लेगा तो निजी अस्पताल वाले इसका खर्चा कैसे वहन करेंगे ?

विरोध पर सरकार का कहना ?

Right To Health Bill पर जोधपुर में मीडिया से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बात करते हुए कहा कि इस बिल से जनता और डॉक्टर दोनों को फायदा होगा | इसलिए डॉक्टर्स को सरकार का साथ देना चाहिए | इस प्रकार विरोध करके सडको पर नहीं उतरना चाहिए , इस पर चर्चा बैठ के भी की जा सकती है | यह बिल जनता और डॉक्टर दोनों के हित के लिए ही है |

 

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